21/01/18

21/01/18 मधुबन”अव्यक्त-बापदाद”‘ओम् शान्ति 21-04-83 संगमयुगी मर्यादाओं पर चलना ही पुरूषोत्तम बनना है आज बापदादा सर्व मर्यादा पुरूषोत्तम बच्चों को देख रहे हैं। संगमयुग की मर्यादायें ही पुरूषोत्तम बनाती हैं इसलिए मर्यादा पुरूषोत्तम कहा जाता है। इन तमोगुणी मनुष्य आत्माओं और तमोगुणी प्रकृति के वायुमण्डल, वायब्रेशन से बचने का सहज साधन – यह मर्यादायें हैं। मर्यादाओं … Continue reading 21/01/18